मुख्यमंत्री से सौंरा, गोंड़, बिझिया, उरांव, भुंजिया आदि समाज के प्रतिनिधियों ने की सौजन्य मुलाकात

 मुख्यमंत्री से सौंरा, गोंड़, बिझिया, उरांव, भुंजिया आदि समाज के प्रतिनिधियों ने की सौजन्य मुलाकात

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल

राज्यसभा में छत्तीसगढ़ की जातियों को अनुसूचित जनजातियों में शामिल किए जाने संबंधित विधेयक पारित होने पर मुख्यमंत्री के प्रति प्रकट किया आभार

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा छत्तीसगढ़ के जाति समुदायों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने के प्रयासों को बड़ी सफलता मिली है, जब मंगलवार को राज्यसभा ने संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (पांचवां संशोधन) विधेयक 2022 को मंजूरी दे दी। इसके पहले पिछले साल दिसम्बर में लोकसभा ने इस विधेयक को पारित किया था।
    लंबे समय से अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की मांग को लेकर प्रयास कर रहे सौंरा, गोंड़, बिझिया, उरांव, भुजिया आदि समाज के प्रतिनिधियों ने कल देर रात मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से सौजन्य मुलाकात कर इस विधेयक को राज्यसभा से मंजूरी मिलने पर उनके प्रति आभार प्रकट किया। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने राज्य सरकार के लगातार प्रयासों से मिली इस सफलता पर प्रतिनिधिमंडल को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि राज्य सरकार अनुसूचित जनजाति समुदाय को उनके अधिकारों का लाभ दिलाने के लिए दृढ़ संकल्पित है।
     उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग की भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका रही। इस संबंध में प्रधानमंत्री को भी पत्र लिखकर मात्रात्मक त्रुटि के कारण आदिवासी समुदाय को हो रही दिक्कतों से अवगत कराया गया और उन्हें अनुसूचित जनजाति में शामिल करने का आग्रह किया गया था।
    मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुसूचित जनजाति आयोग को विभिन्न समाजों के माध्यम से जो ज्ञापन मिले, आयोग द्वारा उनकी सुनवाई कर ट्राईबल रिसर्च इंस्टिट्यूट के माध्यम से अध्ययन के बाद प्रस्ताव तैयार कर भारत सरकार को भेजा गया। राज्य सरकार की इस पहल पर जाति समुदायों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने संबंधी विधेयक को लोकसभा और राज्यसभा से मंजूरी मिली है।
    मुख्यमंत्री से मुलाकात के दौरान सर्वश्री रवि सिदार, खोलबहरा सिदार, लकेश्वर श्याम, दीनबन्धु, शत्रुघन एवं रोहित सिदार भी उपस्थित थे।

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