नई दिल्ली । राशन की डोरस्टेप डिलिवरी की फाइल क्लियर करने और कथित तौर पर हड़ताल कर रहे सरकारी अफसरों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने की मांग को लेकर एलजी ऑफिस गए सीएम और उनके मंत्रियों के धरने को एलजी अनिल बैजल ने गैरवाजिब करार दिया। एलजी ने इसे बिना किसी कारण के दिए जाने वाले धरनों की कड़ी में एक और धरना बताया है।
एलजी ने यह भी दावा किया कि सीएम ने मीटिंग के दौरान उन्हें धमकी दी कि वह तुरंत जिम्मेदार अफसरों को वहां बुलाएं और उन्हें हड़ताल खत्म करने का निर्देश दें। इस पर एलजी ने उन्हें बताया कि दिल्ली सरकार के अधिकारियों ने कोई हड़ताल नहीं की है और वह लगातार अधिकारियों के संपर्क में हैं।
एलजी ने सीएम को बताया कि राशन की डोरस्टेप डिलिवरी की फाइल 3 महीने से खाद्य और आपूर्ति मंत्री इमरान हुसैन के पास ही है। लॉ डिपार्टमेंट के सुझावों पर अमल करने के बाद वह फाइल को नियमों के तहत अप्रूवल के लिए केंद्र सरकार को भेजेंगे। एलजी ने इस बात पर भी ध्यान दिलाया कि इतना सबकुछ होने के बावजूद इस साल का बजट सेशन अच्छी तरह संपन्न हुआ और अधिकारियों के सहयोग से बजट पास भी हुआ। एलजी के मुताबिक, दिल्ली सरकार में जनता के काम लिहाज से जरूरी सभी मीटिंग नियमित रूप से हो रही हैं और कैबिनेट मीटिंग्स भी हो रही हैं, जिनमें तमाम संबंधित अधिकारी हिस्सा ले रहे हैं। अधिकारियों और सरकार के बीच अभी तक भय और अविश्वास का माहौल बना हुआ है। मतभेदों को खत्म करने के लिए सरकार की तरफ से अभी तक कोई ईमानदार पहल नहीं की गई है। उन्होंने सीएम को लगातार यही सलाह दी कि वह सभी स्तर के सरकारी कर्मचारियों से बात करें और आपसी विश्वास जगाने की कोशिश करें।
एलजी ने कहा कि जब भी अधिकारियों से बात होती है, तो पता चलता है कि सरकार की तरफ से अभी तक उन्हें ऐसा कोई आश्वासन नहीं मिला है कि उनके सम्मान को कायम रखा जाएगा। सोमवार को भी 3 अफसरों को हाई कोर्ट की शरण में जाना पड़ा। एलजी ने कहा कि सीएम और उनके मंत्रियों ने मेरी बात मानने से इनकार कर दिया। एलजी को अपने पहले से तय दूसरे कार्यक्रमों के लिए जाना था, इसलिए वह अपने ऑफिस से उठकर चले गए।
एलजी ने यह भी दावा किया कि सीएम ने मीटिंग के दौरान उन्हें धमकी दी कि वह तुरंत जिम्मेदार अफसरों को वहां बुलाएं और उन्हें हड़ताल खत्म करने का निर्देश दें। इस पर एलजी ने उन्हें बताया कि दिल्ली सरकार के अधिकारियों ने कोई हड़ताल नहीं की है और वह लगातार अधिकारियों के संपर्क में हैं।
एलजी ने सीएम को बताया कि राशन की डोरस्टेप डिलिवरी की फाइल 3 महीने से खाद्य और आपूर्ति मंत्री इमरान हुसैन के पास ही है। लॉ डिपार्टमेंट के सुझावों पर अमल करने के बाद वह फाइल को नियमों के तहत अप्रूवल के लिए केंद्र सरकार को भेजेंगे। एलजी ने इस बात पर भी ध्यान दिलाया कि इतना सबकुछ होने के बावजूद इस साल का बजट सेशन अच्छी तरह संपन्न हुआ और अधिकारियों के सहयोग से बजट पास भी हुआ। एलजी के मुताबिक, दिल्ली सरकार में जनता के काम लिहाज से जरूरी सभी मीटिंग नियमित रूप से हो रही हैं और कैबिनेट मीटिंग्स भी हो रही हैं, जिनमें तमाम संबंधित अधिकारी हिस्सा ले रहे हैं। अधिकारियों और सरकार के बीच अभी तक भय और अविश्वास का माहौल बना हुआ है। मतभेदों को खत्म करने के लिए सरकार की तरफ से अभी तक कोई ईमानदार पहल नहीं की गई है। उन्होंने सीएम को लगातार यही सलाह दी कि वह सभी स्तर के सरकारी कर्मचारियों से बात करें और आपसी विश्वास जगाने की कोशिश करें।
एलजी ने कहा कि जब भी अधिकारियों से बात होती है, तो पता चलता है कि सरकार की तरफ से अभी तक उन्हें ऐसा कोई आश्वासन नहीं मिला है कि उनके सम्मान को कायम रखा जाएगा। सोमवार को भी 3 अफसरों को हाई कोर्ट की शरण में जाना पड़ा। एलजी ने कहा कि सीएम और उनके मंत्रियों ने मेरी बात मानने से इनकार कर दिया। एलजी को अपने पहले से तय दूसरे कार्यक्रमों के लिए जाना था, इसलिए वह अपने ऑफिस से उठकर चले गए।
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