2014 का लोकसभा का चुनाव, जिसे हमेशा 'मोदी लहर' के रूप में याद किया जाएगा, उसमें बीजेपी को अकेले ही 282 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। इसे एक करिश्मा के रूप में देखा गया था। अगर इस सफलता को राज्यवार देखें तो पता चलता है कि इन 282 सीटों से आधे से भी ज्यादा, 149 सीटें सिर्फ चार राज्यों- यूपी, गुजरात, मध्य प्रदेश और राजस्थान से ही थीं। वह भी इन राज्यों की कुल सीटों के 93 फीसदी हिस्से के रूप में। उसे यूपी की 80 सीटों में 71, गुजरात की 26 में 26, राजस्थान की 25 में 25 और मध्यप्रदेश की 29 में 27 सीटों पर जीत मिली थी। जाहिर है कि इन राज्यों में बीजेपी का यह टॉप प्रदर्शन था।
बीजेपी खुद मानती है कि अब इन राज्यों में वैसा प्रदर्शन दोहरा पाना आसान नहीं हैं। इसी के मद्देनजर बीजेपी ने 2019 के लिए छह ऐसे राज्यों को चुना है, जहां पिछले चुनाव में उसका प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं रहा। ये राज्य हैं- आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, वेस्ट बंगाल, केरल और ओडिशा। इन राज्यों से लोकसभा की कुल 164 सीटें आती हैं। लेकिन पिछली बार बीजेपी को इनमें से सिर्फ सात पर जीत मिल पाई थी। बीजेपी लीडरशिप को लगता है कि इन राज्यों पर ध्यान केंद्रित कर पिछले चुनाव में बेहतर प्रदर्शन वाले राज्यों में होने वाले नुकसान की भरपाई की जा सकती है।
बीजेपी खुद मानती है कि अब इन राज्यों में वैसा प्रदर्शन दोहरा पाना आसान नहीं हैं। इसी के मद्देनजर बीजेपी ने 2019 के लिए छह ऐसे राज्यों को चुना है, जहां पिछले चुनाव में उसका प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं रहा। ये राज्य हैं- आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, वेस्ट बंगाल, केरल और ओडिशा। इन राज्यों से लोकसभा की कुल 164 सीटें आती हैं। लेकिन पिछली बार बीजेपी को इनमें से सिर्फ सात पर जीत मिल पाई थी। बीजेपी लीडरशिप को लगता है कि इन राज्यों पर ध्यान केंद्रित कर पिछले चुनाव में बेहतर प्रदर्शन वाले राज्यों में होने वाले नुकसान की भरपाई की जा सकती है।
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